देश की सुरक्षा एव.प्रत्येक प्रजा का हित जिसके ह्रदय में हो उसे ही सौपे देश की सत्ता -पद्मभूषण आचार्य श्री

पत्रकार वार्ता में बेबाकी से बोले आचार्य विजयसुन्दरसूरी महाराज,विभिन्न मुद्दों पर साँझा किए विचार

बागली(सोमेश उपाध्याय)। वर्तमान में भारतीय महिला, भारतीय परिवार और भारतीय संस्कृति पर लगातार हमले हो रहे हैं। वर्ष 2006 में देश में सेक्स एजुकेशन लागू करने का मसौदा पूरी तरह तैयार हो गया था। आला स्तर पर कई लोगों से चर्चा कर मैंने तर्क प्रस्तुत किए तब कहीं जाकर वर्ष-2007 में इसे रोका गया। उसका पाठ्यक्रम ऐसा था कि यदि वह लागू हो जाता तो आज देश के हालात का अंदाजा लगाना मुश्किल था।

Rai Singh Sendhav

यह बात मंगलवार को पद्मभूषण आचार्य श्रीमद् विजय रत्नसुंदरसूरिश्वरजी ने स्थानीय जैन मंदिर पर पत्रकारों से चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी क्षेत्र में देख लो पिछले दस साल में सभी जगह गिरावट आई है। अब हालत यह हो गई कि बजाए उच्च स्तर से बयान आ रहे कि वेश्यावृति का कानून बना दो।

यह बड़ी विसंगति है कि मीट एक्सपोर्ट करने पर 13 प्रतिशत सबसिडी मिलती है, जबकि गौशाला में दान देने पर 30 प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ता है। वैसे वर्तमान में देश में अच्छा माहौल दिख रहा है। दो साल पहले तक भारत मीट एक्सपोर्ट में पहले पायदान पर खड़ा था अब दूसरे क्रम पर आ गया है। हालात सुधरने में समय लगेगा। मीट एक्सपर्ट को लेकर मेरी ओर से कोर्ट में पीटिशन लगाई थी, जिसमें मुस्लिम भाइयों के भी दस्तखत हैं। मैंने उन्हें समझाया कि यह किसी धर्म के खिलाफ मामला नहीं है। असल में जब निर्यात होगा तो उस सामग्री के दाम भी बढ़ेंगे। वही आचार्य श्री ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार ही नशे के टैक्स से चलती है।आतंकवाद को उन्होंने विश्व के लिए चुनोती मानते हुए कहा कि देश के नेतृत्व, सैन्य शक्ति एव.न्यायपालिका इस मुद्दे पर निपटने का कार्य कर रही है।वही लोकसभा चुनावो को लेकर उन्होंने कहा कि कहा की देश की सुरक्षा एव.प्रत्येक प्रजा का हित जिसके ह्रदय में हो उसे ही देश की सत्ता सौपनी चाहिए।इसी के साथ आचार्य श्री मीडिया के संदर्भ में भी अपने बेबाक़ विचार साँझा करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सबरीमला, व्याभिचार, समलेंगिगता आदि पर सुनाए गए फैसले के आने वाले परिणामो को जिस रूप में जनता सामने लाना था,वह नहीं पहुच सका,जिसका गहरा परिणाम हमे भुगतना है।आचार्य श्री विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर अपने विचार साँझा किए। इस दौरान विनय बोथरा, मुकेश गुप्ता,सोमेश उपाध्याय,सन्दीप जायसवाल,शंकर राठौर,अजय उपाध्याय आदि मौजूद थे।

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