छटनी के नाम पर कटवा डाले हरे भरे पेड़…

देवास में जल संसाधन विभाग का कारनामा

बाले बाले ही बेच डाली लाखों की लकड़ी…

मामला उजागर होने पर अधिकारी तलाश रहे बचने की गली…

देवास। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बड़ा कारनामा कर डाला। तारानी कॉलोनी स्थित विभाग के कार्यालय प्रांगण में खड़े दर्जनों बड़े-बड़े दरख्त की शाखाओं की छटनी के नाम पर अधिकारियों ने जड़ से ही कई पेड़ कटवा डाले। इतना ही नहीं पेड़ की कड़ी लकड़ियां मिनी ट्रक में भरकर बाले बाले बाहर भिजवा दी गई। सूत्र कहते हैं लाखों की लकड़ी परबारे ही बेंच दी गईं। अब अधिकारी मामले से अपने आप को अलग करने की जुगाड़ में लगे हैं।

Rai Singh Sendhav

आपको बता दे देवास के तारिणी कॉलोनी स्थित जल संसाधन विभाग के कार्यालय परिसर में दर्जनों बड़े-बड़े पेड़ खड़े थे। यह हरे भरे पेड़ों को काटने के लिए ना तो प्रशासन से आवश्यक अनुमति ली गई, और ना ही कोई टेंडर प्रक्रिया की गई। इन हरे भरे पेड़ों की शाखाओं की छटनी के नाम पर बड़े-बड़े पेड़ जड़ से ही काट दिए गए। पेड़ों की मशीनों से कटाई हुई… मिनी ट्रकों में भरकर रवाना किए गए… अब जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री मुकेश चतुर्वेदी ने टाइम्स एमपी से चर्चा करते हुए कहा कि पेड़ों की शाखाओं की छटाई के निर्देश दिए गए थे।

अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन श्री नागोरी को पेड़ों की शाखाओं की छटाई का कहा गया था। जड़ से पेड़ कैसे कटे? पूछने पर साहब कहते हैं कि शायद गलती से कट गए होंगे। अब मामले की जांच करा कर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं।

हैरानी की बात तो यह है कि तारानी कॉलोनी जैसे रहवासी क्षेत्र में विभाग का कार्यालय होने के बाद भी वहां से मिनी ट्रकों में भरकर लकड़ियां बाहर चली गई और साहब को इसकी जानकारी तक नहीं यह बात समझ से परे है।

हमारी टीम जब मौके पर पहुंची और कार्यपालन यंत्री मुकेश चतुर्वेदी से संपर्क किया गया तो वह दफ्तर आए और जड़ से कटे पेड़ों का खुद मुआयना किया। और माना कि जड़ों से पेड़ों की कटाई गलत है लेकिन यह कैसे हुई? क्यों हुई…? किसके निर्देश पर हुई…? और कटी हुई लकड़ियां कहां गई…? इस बात का साहब के पास कोई जवाब नहीं है।

संपादक

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