नगर निगम परिषद की बैठक में मीडिया को कवरेज करने से रोका
महापौर पोल खुलने से डरे – प्रतिपक्ष नेता…
कांग्रेस नेताओं व प्रतिपक्ष नेता ने किया मीडियाकर्मीयों के समर्थन में बैठक का बहिष्कार….
महापौर, निगमायुक्त को क्या भय था…..?
निगम परिषद की बैठक को लेकर जोरदार हंगामा….
देवास। नगर निगम परिषद की बैठक सोमवार को निगम के नवीन भवन में बनाये गये मीटिंग हॉल में आयोजित की गई थी। जिसमें मीडिया के हॉल में प्रवेश करते ही मौजूद विधायक, निगमायुक्त, महापौर ने मीडिया को हॉल से बाहर रखने की बात अन्य अधिकारीयों से कही। जिस पर कांग्रेस पार्टी से प्रतिपक्ष नेता व अन्य कांग्रेसियों ने परिषद का बहिष्कार कर दिया और हॉल से बाहर आकर मीडिया को कवरेज करने से रोकने को लेकर निगम प्रांगण में निगम सत्ता पक्ष के विरोध में जमकर नारेबाजी कर महापौर की पोल खुलने की बात कहते हुए कई प्रकार के आरोप भी कांग्रेसी नेताओं ने लगाये। इस बीच निगम अध्यक्ष के कहने पर बारी-बारी से कई लोगोंं को प्रतिपक्ष नेता सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं को बैठक में बुलाने के लिये भी भेजा। किंतु विपक्ष ने एक ही स्वर में सभी को बैठक में ना आने और बहिष्कार करने की बात कही।

भाजपा सरकार की प्रदेश में करारी हार होने के बावजूद भी नगरीय निकाय में भाजपा पार्टी बरकरार बनी हुई है। वहीं पार्टी में आपसी विरोध नगर निगम में परिषद की बैठक में देखने को मिल गया। जहां कांग्रेस ने परिषद की बैठक का मीडिया कर्मीयों के समर्थन में बहिष्कार किया। वहीं बैठक केवल सत्ताधारी नेताओं के बीच ही चलती रही। जिसमें सत्ताप्ख केे नेताओं ने प्रतिपक्ष की भूमिका बनाते हुए महापौर को उल्टे हाथों लिया। नगर निगम में बजट सत्र को लेकर परिषद की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन देश का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडियाकर्मीयों को निगम परिषद की बैठक में कवरेज करने के लिये मौजूदा निगमायुक्त नरेन्द्र सूर्यवंशी व महापौर ने नवीन मीटिंग हॉल पं. अटल बिहारी वाजपेयी परिषद हॉल में जाने से रोक दिया। उस दौरान वहां पर विधायक गायत्री राजे पवार भी मौजूद रही लेकिन उन्होनें भी मीडिया को कक्ष से बाहर करने पर किसी भी प्रकार से अपनी बात नहीं रखी। इस बीच निगमायुक्त ने कहा की मीडिया के लिये अलग से व्यवस्था की गई है, वहां पंहुचने पर दिखाई दिया की वहां पर मीडिया कर्मीयों के स्थान पर भाजपा पार्टी के चुनिंदा नेता अपना कब्जा जमाकर पहले से बैठे हुए थे। वहां पर इस तरह से काँच लगाये गये थे की नीचे सदन की आवाज भी नहीं आ रही थी, जिस पर मीडिया कर्मीयों ने कहा की हमें नीचे सदन में किसी और स्थान पर बैठा देवें लेकिन निगमायुक्त ने किसी भी प्रकार से मीडिया कर्मीयों की बात नहीं सुनी और अपनी बात पर अडिग रहते हुए अपना ही राग अलापते रहे।
इस बीच जैसे ही परिषद की बैठक बंद कक्ष में आरंभ हुई तो प्रतिपक्ष नेता सहित समस्त कांग्रेसी अपने स्थान से उठे और कहा की पहले मीडिया को आने की अनुमति दी जावे उसके बाद ही सदन की कार्यवाही की जावेगी। लेकिन यहां पर महापौर व निगमायुक्त ने किसी की बात को तवज्जो नहीं दिया वहीं सत्ता पक्ष ने भी परिषद के सामने निगम अध्यक्ष को भी कहा वहां पर भी महापौर ने कह दिया की अगर ज्यादा फोटो खिंचवाने का शौक है तो कल अखबार में आपके फोटो स्वत: ही आ जावेंगे हम दे देंगे।
आखिर क्या भय था जो नहीं आने दिया…?
महापौर के कार्यकाल में कुल दो बैठके और आयोजित की जाने वाली है, हाँलाकि सोमवार को की गई बैठक में बजट सत्र की रूपरेखा बनाकर बजट पेश करने की बात सामने आने वाली थी, जिसको लेकर महापौर को ये भय था की कहीं कोई बात ऐसी मीडिया के समक्ष ना आ जाये जिससे उन्हें महापौर रहते हुए कोई धब्बा लग जाये। इन्हीं कुछ बातों का भय नवागत निगमायुक्त को भी था। इस हेतु उन्होनें अपनी बात पर अडिग रहते हुए मीडिया कर्मीयों को परिषद की बैठक से बाहर कर दिया। जिस पर समस्त मीडियाकर्मीयों ने परिषद की बैठक का बहिष्कार कर दिया था।