संस्था लयकारी के तत्वाधान में हुआ मुशायरे का आयोजन, देर रात डटे रहे श्रोता

बागली, (सोमेश उपाध्याय)।\”इस मुल्क में हमने कई ऐसे करिश्में देखे है, मंदिर के फूलों को मस्जिद में मँहकते देखे है। हिंदू-मुस्लिम में नहीं करते फर्क,हमने परिंदों को हर क्षत पर चहकते देखा है ||अजीम देवासी की इस रचना में समाहित एकता, भाईचारे ,सामाजिक समरसता व राष्ट्रीयता के संदेश के साथ संस्था लयकारी के तत्वावधान में एहबाबे उर्दू अदब -देवास के नामचीन शायरों की मौजुदगी में स्थानीय जनपद पंचायत के सभागृह में मुशायरे का आयोजन किया गया। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ एम एस उदावत के मुख्य आतिथ्य व जनपद सी ई ओ अमित व्यास की अध्यक्षता में चिकित्सक डॉ जान जोसेफ व वरिष्ठ अभिभाषक प्रविण चौधरी ,थाना प्रभारी जयराम चौहान के विशेष आतिथ्य में हुआ!
संस्था की ओर से फिल्मकार अनिरूध्द शर्मा, नंदकिशोर मोहवाल, हेमेन्द्र शिवहरे, संजय उपाध्याय, अशलम खिलजी, जगदीश परमार, प्रकाश व्यास, कमल सोनी ,सुनिल शर्मा, अंकित बडौला आदि ने अतिथियों व शायरों का पुष्पमाला, शॉल व श्रीफल से स्वागत किया |
शायर व कवि बृज मोहन शर्मा बृज ने सरस्वती वंदना और डॉ इकबाल मोदी ने नात शरीफ के साथ मुशायरे का आगाज किया |
कवि राजेश चौधरी की गौ माता पर कविता \”धरां पर गौ माता का सम्मान होना चाहिए, गौ वध करने और कराने वालों का बहिष्कार होना चाहिए | \”
हास्य शायर मकसूद शाह, जितेन्द्र जुगनू ने भी खूब दाद बटोरी, युवा हिंदी शायर राहुल बजरंगी की रचना \”गॉवों में दिवालों के कान नहीं होते हैं ,इसलिए यहा पर हिंदू और मुसलमान नहीं होते हैं | \”
जयनारायण पाटीदार की प्रकृति संरक्षण की रचना \”\”पेडों की बहुत याद आयेगी \”शायर डॉ आजाद, शाहरूख शीश, राधेश्याम पांचाल, हरीश साथी आदि की रचनाओं ने स्रोताओं को
मंत्रमुग्ध कर दिया |मुशायरे का संचालन प्रसिद्ध शायर गौहर साहब देवासी ने किया ।कार्यक्रम में ओमप्रकाश शर्मा,राजेन्द्र ईनाणी, मनोहर सिंह ठाकुर,देवेंद्र उपाध्याय,हबीब पठान,प.राकेश नागोरी,लोकेन्द्र परिहार,सुनील योगी,सोमेश उपाध्याय,जीतू चावड़ा,पुरषोत्तम सिसौदिया समेत बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे!अंत में आभार संस्था के मुख्य सृजनकार प्रकाश व्यास ने किया |