देवास जिला” जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित
जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में बोरिंग मशीन से नहीं होगा खनन
देवास। कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने देवास जिले में संभावित घरेलू / पेयजल संकट से निपटने एवं आमजन सहित पशु – पक्षी आदि की तत्संबंधी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए म.प्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 में प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए देवास जिले को ” जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर सभी जल स्त्रोतों तथा बांध , नदी , नहर , जलधारा झरना,झील , जलाशय नालाबंधान नलकूप या कुओं से किसी भी साधन से सिंचाई करना प्रतिबंधित किया है।
कलेक्टर श्री सिंह ने जिला स्थित समस्त जल स्त्रोतों में संग्रहीत जल को ” पेयजल एवं घरेलू ” हेतु सुरक्षित करते हुए निर्देश दिये हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी जल स्त्रोत से सिंचाई हेतु जल उपयोग नहीं करेगा । जल संरक्षण की दृष्टि से सम्पूर्ण जिले में नलकूप खनन प्रतिबंधित रहेगा। जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में नलकूप / बोरिंग मशीन द्वारा किसी भी प्रकर का खनन नहीं किया जावेगा । वर्तमान जल स्त्रोतों से पेयजल / घरेलू या निस्तार प्रयोजन को छोड़ अन्य किसी प्रयोजन हेतु भी जल उपयोग प्रतिबंधित होगा । आवश्यक होने पर अनुभाग अंतर्गत संबंधित ” अनुविभागीय अधिकारी राजस्व / अनुविभागीय दण्डाधिकारी किसी क्षेत्र में नल जल योजना न होने अपेक्षित स्थान के आस – पास हैण्डपम्प कुओं न होने अपेक्षित स्थान से 150 मीटर के रेडियस में नलकूप या कुआ न होने , अन्य पेयजल स्त्रोतों पर विपरीत प्रभाव न पड़ने आदि का परिक्षण पीएचई विभाग के सक्षम तकनीकी अधिकारी से करवाकर नलकूप खनन की अनुमति जारी कर सकेंगे । यदि नलकूप खनन की अनुमति प्रदान की जाती है तो आवेदक को निर्धारित फीस का भुगतान करना आवश्यक होगा । शासकीय संस्थाओं हेतु उपरोक्त प्रतिबंध लागू नहीं होंगे किन्तु तत्संबंधी कार्यों की जानकारी संबंधित विभाग द्वारा क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व / अनुविभागीय दण्डाधिकारी को अनिवार्य रूप से प्रदान करना होगी । किसी जल स्त्रोत से पूर्व अनुमति प्राप्त ” अन्य प्रयोजन ” के जल उपयोग पर ये प्रतिबंध लागू नहीं होगा ।
आदेश का उल्लंघन किए जाने पर प्रथम अपराध के लिए राशि रूपये 05 हजार के जुर्माने से और पश्चातवर्ती प्रत्येक अपराध के लिए राशि रूपये 10 हजार के जुर्माने से या कारावास से जो 02 वर्ष तक का हो सकेगा दण्डनीय होगा ।
