समूचे मालवा में फैला फर्जी एडवाइजरी का मकड़जाल

शेयर मार्केट में पैसा कई गुना करने का देते हैं प्रलोभन

इंदौर उज्जैन देवास और शाजापुर में चल रही सैकड़ो फर्जी एडवाइजरी

प्रदेश के बाहर के निवेशकों को बनाते हैं निशाना

फर्जी एडवाइजरी के मकड़जाल में फंसते निवेशक

इंदौर। इंदौर उज्जैन देवास और शाजापुर सहित समूचा मालवा क्षेत्र में फर्जी एडवाइजरी का मकड़जाल फैला हुआ है। बहुत ही कम समय में शेयर मार्केट में पैसा लगाकर पैसा कई गुना बढ़ाने का प्रलोभन देकर निवेशकों को अपने जाल में फंसाते हैं। जैसे ही निवेशक इनके चंगुल में फसता है तो लाखों रुपए अलग-अलग खातों में डलवा कर बड़ी धोखाधड़ी की जाती है। इसके लिए फर्जी एडवाइजरी संचालकों ने बाकायदा दफ्तर खोल रखे हैं, जहां से बाहर के निवेशकों को बड़ा चूना लगाया जाता है। ऐसी ही फर्जी एडवाइजरी पर इंदौर में बड़ी कार्रवाई हुई है जहां से दर्जनों युवक युवतियों को हिरासत में लिया गया है और वहां से भारी मात्रा में कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल जैसे उपयोग में आने वाले उपकरण जप्त किए गए हैं।
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में इस तरह की फर्जी एडवाइजरी जो लगातार लोगों से ठगी कर रही हैं, यह पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए इंदौर पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता एवं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमित सिंह ने इस तरह की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया। इसी श्रृंखला में पुलिस ने इंदौर में बड़ी कार्रवाई की है।

Rai Singh Sendhav

यहां हुई कार्रवाई

पुलिस उपायुक्त जोन 2 अभिनय विश्वकर्मा एवं अति. पुलिस उपायुक्त ज़ोन 2 अमरेंद्र सिंह द्वारा एसीपी विजयनगर श्रीकृष्ण लालचंदानी ( आईपीएस) को प्राप्त सूचना पर योजना बना कर एवं टीम गठित कर कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया था, जिसमें एसीपी बिजयनगर द्वारा निरंतर कार्रवाई की जाकर बिजयनगर क्षैत्र मे मकान नं. ए 26 चंद्रनगर में चल रही स्टार्ट एलगो रिसर्च कंपनी पर कार्रवाई करते हुए थाना बिजयनगर पर पंजीबद्द अप. क्र. 610/24 धारा 318(4) बी.एन.एस. में 02 आरोपियों 1. चंदन पाटीदार उम्र 32 बर्ष निवासी- रगवासा राउ इंदौर 2. आरिफ खान उम्र 34 साल निवासी रोबोट चौराहा इंदौर को गिरफ्तार किया है, आरोपीगण कालिंग के जरिए निवेशकों से करते थे बातचीत और अपनी रिसर्च कंपनी के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश पर बहुत अच्छा मुनाफा कमाने का झांसा देकर पीड़ितगण से मोटी धनराशी फीस के नाम पर लेते थे और पीड़ितगण की ईमेल पर स्टार्ट एलगो साँफ्टवेयर की लिंक एवं आई.डी. पासवर्ड सेन्ड कर उपरोक्त लिंक से स्टार्ट एलगो साँफ्टवेयर को पीड़ितगण की स्क्रीन के साथ साथ अपनी एडमिन स्क्रीन पर भी साथ साथ शेयर कर लेते है। नियम विरूद्ध आरोपियों ने स्वंय निवेश करते हुये पीड़ितगण को बड़ा आर्थिक नुकसान कारित कराकर धोखाधड़ी कारित की है, पीड़ितगण ने ऐसे आरोप भी लिखित में लगाये है। आरोपी गण से अपराध में प्रयुक्त लैपटाँप, कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि की ज़ब्ती की कार्रवाई की जा रही है।

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक फरियादी मंजीत जोगीराम शर्मा निवासी पिलनी कैथल (हरियाणा) की शिकायत पर फर्जी एडवाइजरी फर्म स्टार एल्गो रिसर्च के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस ने एमआर-9 स्थित चंद्रनगर में कंपनी के दफ्तर में छापा मारा तो 120 से ज्यादा युवक-युवतियां मिले।

क्या कहा एसीपी ने

एसीपी कृष्ण लालचंदानी के मुताबिक आरोपित संगठित गिरोह की तर्ज पर अपराध कर रहे हैं। पुलिस को अभी तक 7 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिल चुकी है। मामले में आयकर, सेबी और ईडी को भी सूचना भेजी जा रही है। साफ्टवेयर बनाने वाले दलाल और इंजीनियर भी जांच की जद में आ गए हैं। गिरोह से जुड़े कुछ लोग सीबीआई के राडार पर भी हैं।

धोखाधड़ी के लिए एसएमएस का उपयोग भी

पुलिस को जानकारी मिली कि ज्यादातर एडवाइजरी फर्म संचालक अभिषेक और प्रियंक के संपर्क में हैं। लाखों रुपये में सॉफ्टवेयर खरीदते हैं। धोखाधड़ी के आरोपितों से जुड़े दोनों व्यक्ति फर्जी एसएमएस भी वायरल करवाकर ट्राई के नियमों का उल्लंघन करते हैं। एडनोमिस्ट और केप विजन नामक कंपनियां भी धोखाधड़ी में शामिल हैं।

समूचे मालवा में फैला है मकड़जाल

आपको बताते चले की करीब 2 वर्ष पूर्व जब इंदौर में इसी तरह की सख्त कार्रवाई हुई थी तब इंदौर से भाग कर इन फर्जी एडवाइजरी कंपनियों ने देवास उज्जैन और शाजापुर जैसे शहरों में अपना कारोबार फैलाया था। देवास शाजापुर और उज्जैन जैसे शहरों को यह फर्जी एडवाइजरी संचालक अपना सुरक्षित शरणगाह समझ रहे हैं। इन शहरों में दर्जनों फर्जी एडवाइजरी चल रही है जहां कॉल सेंटर की तर्ज पर दर्जन भर युवा युवतियों को बिठाकर उनसे टेली कॉलिंग कराई जाती है और इस तरह की धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है। पिछले समय देवास और उज्जैन में भी इस तरह की फर्जी एडवाइजरी पर हुई कार्रवाई से यह बात सामने आती है।

संपादक

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