मामला महू नदी की पुलिया से बहे दंपत्ति का, पुलिस की रेस्क्यू टीम पर उठे सवाल

बलाई महासंघ ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन…
अनाथ हुए बच्चों के लिए पालन पोषण, शिक्षा और आर्थिक सहायता की मांग…
आरोप- पुलिस की रेस्क्यू टीम पानी तक में नहीं उतरी…
कलेक्टर ने कहा- शासन की योजनाओं का दिया जाएगा पूरा लाभ..

Rai Singh Sendhav

देवास। पिछले दिनों आमलाताज के पास महू नदी की पुलिया पार करते समय तुलसीराम और उनकी पत्नी ज्योति बाई नदी में बह गए थे। करीब 18 घंटे बाद तुलसीराम का शव तो ढूंढ लिया गया किंतु पत्नी ज्योति को अभी तक नहीं तलाशा जा सका है। यह दंपत्ति बलाई समाज के हैं। इनके 10 और 12 वर्ष के दो बच्चे हैं। जिनका अब कोई सहारा नहीं रहा। इसी बात को लेकर अखिल भारतीय बलाई महासंघ की जिला इकाई द्वारा आज कलेक्ट्रेट में धरना दिया गया और कलेक्टर से बच्चों के पालन पोषण शिक्षा व आर्थिक सहायता की मांग की गई। कलेक्टर ने बच्चों की समुचित व्यवस्था कराए जाने का आश्वासन दिया है।

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आपको बता दें 2 दिन पहले अमलाताज के समीप महू नदी में तुलसीराम और उनकी पत्नी बह गए थे। जिनकी तलाश में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अखिल भारती बलाई महासंघ ने सवाल खड़े किए हैं। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार ने कलेक्ट्रेट के बाहर कई समाज जनों के साथ धरना दिया और आरोप लगाया कि पुलिस की रेस्क्यू टीम पहुंची तो लेकिन उसने कोई खास प्रयास नहीं किए। तुलसीराम को जो तलाशा गया उसे भी ग्रामीणों और समाज जनों ने ढूंढा है जबकि तुलसीराम की पत्नी ज्योति का अभी तक कोई पता नहीं चला है। परमार ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बच्चों की उचित देखभाल एवं शैक्षणिक व्यवस्था सहित आर्थिक सहायता की मांग की है।

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