प्राचार्य के रवैये से परेशान नर्सिंग की छात्राएं पहुँची कलेक्टर के पास। कलेक्टर श्रीकांत पांडेय ने शिकायत को गंभीरता से लिया, दिए निर्देश।
नर्सिंग की प्राचार्य सुनीता सक्सेना को तत्काल हटाया।
डॉ शिवेंद्र मिश्रा को दिया चार्ज।
मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई।
देवास। जिला अस्पताल परिसर में स्थित नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर की छात्राएं अपनी ही प्राचार्य के रवैये से इतनी परेशान हो गई, की वे कलेक्टर कार्यालय जा पहुंची। छात्राओं ने जो आरोप लगाए वो चौकाने वाले थे। छात्राओं का कहना था कि न तो उन्हें ठीक से खाना मिलता है और न ही उनके साथ अच्छा व्यवहार होता है, अभद्रता तो होती ही है, यहाँ तक कि पैसों की मांग भी की जाती है। कलेक्टर श्रीकांत पांडेय ने छात्राओं की शिकायत को गंभीरता से लिया। उनके निर्देश पर CMHO डॉ सरल ने प्राचार्य सुनीता सक्सेना को तत्काल हटा दिया। मामले की जांच के तीन सदस्यीय कमेटी भी बनाई जाने की बात कही गई है।

जिला अस्पताल परिसर में स्थित जनरल नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर में करीब 180 लड़कियां नर्सिंग की ट्रेनिंग ले रही हैं। शनिवार शाम करीब 6 बजे सभी लड़कियां कलेक्टोरेट पहुंच गई। अपनी प्राचार्य से प्रताड़ित इन छात्राओं ने कलेक्टर से शिकायत करने की तो हिम्मत भर ली, किन्तु वे इतनी डरी हुई थी कि कई छात्राएं रो पड़ी, तो कई अपने सेंटर वापस लौटने में डर रही थी।
शनिवार की शाम प्राचार्या सुनीता सक्सेना की शिकायत ले कर कलेक्टर कार्यालय में पहुँचीं थीं। छात्राओं का आरोप था की हमें न ठीक से खाना मिलता है न सफाई होती है। बात-बात पर अवैध तरीके से रुपए मांगे जाते हैं। कुछ भी गलती निकाल कर अभ्रदता की जाती है। प्रिसिंपल ने मानसिक और आर्थिक रुप से इतना प्रताड़ित कर दिया है कि अब तो हमें ट्रेनिंग सेंटर में रहने में भी डर लग रहा है। छात्राएं करीब दो घंटे तक कलेक्टोरेट परिसर में खड़ी रही।
ADM एन के सुयवंशी ने उनकी व्यथा सुनी। किन्तु लडकिया कलेक्टर से मिलने की जिद करने लगी। तब कलेक्टर श्रीकांत शुक्ला ने छात्राओं के प्रतिनिधिमंडल को अंदर बुलाया। इसी दौरान कलेक्टर ने CMHO डॉ सरल को भी वही बुला लिया था। छात्राओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए CMHO को निर्देशित किया। CMHO ने तत्काल प्राचार्य सुनीता सक्सेना को वहां से हटा दिया और डॉ शिवेंद्र मिश्रा को सेंटर का प्रभार दिया गया है। इस मामले में जांच के निर्देश भी दिए गए है। जांच में दोषी पाए जाने की स्थिति में सुनीता सक्सेना के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई जा सकती है।