कमल गर्ग \’राही\’

कन्नौद। नगर के तालाब किनारे स्थित प्राचीन नीलकंठेश्वर मन्दिर का निर्माण होल्कर स्टेट के तुकोजीराव होल्कर के समय अहिल्या देवी ने कराया था।
संवत 1928 मे कराये गए इस मन्दिर निर्माण में उस समय 684/- रूपए का खर्च आया था। करीब 150 वर्ष पुराने मन्दिर का जीर्णोद्धार जन सहयोग से समिति द्वारा कुछ वर्ष पहले कराया गया।
मान्यता है कि सच्चे मन से आराधना करने पर भगवान शिव मनवांछित फल देते है।
होल्कर स्टेट के समय के लगे शिलालेख इसकी प्राचीनता की गवाही देते है। करीब 15 वर्ष पहले सावन महिने मे नागराज स्वयं एक घन्टे तक शिव लिंग के पास फन फैलाकर खडे रहे थे, जिसे फोटोग्राफर प्रहलाद सेन ने अपने कैमरे मै कैद किया था।
सावन के पूरे महीने यहां धार्मिक अनुष्ठान, अभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। सावन के अन्तिम सोमवार को समिति द्वारा नगर मे भगवान नीलकंठेश्वर की शोभायात्रा निकाली जाती है ।