मरीजों के परिजनों को बस स्टैंड से बोतल में पानी लाकर बुझाना पड़ रही है प्यास
अनिल उपाध्याय
खातेगांव। खातेगांव के सरकारी अस्पताल में पिछले 15 दिनों से गंभीर पेयजल संकट बना हुआ है! पानी की व्यवस्था नहीं होने से मरीज के परिजनों को बस स्टैंड से पानी लाकर अपनी एवं मरीजों की प्यास बुझा ना पड़ रही है!
उधर एनआरसी में भर्ती कुपोषित बच्चों की माताओं को पानी की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है!

ऐसी बात नहीं है कि पेयजल संकट की समस्या से मरीज एवं परिजनों को ही जूझना पड़ रहा है अस्पताल परिसर में स्थित कर्मचारियों और उनके परिजनों को भी पानी की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है!
बोतलों में लाते हैं पानी और बुझाते प्यास
सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को पीने का पानी बस स्टैंड से लाना पड़ता है और बोतल खाली होने पर वापस बस स्टैंड जा कर पानी भरकर लाना पड़ रहा है उनकी और मरीजों की प्यास बुझा रहे हैं
एनआरसी में भर्ती कुपोषित, बच्चों के माताएं भी परेशान
सरकारी अस्पताल में स्थित एनआरसी में भर्ती कुपोषित बच्चों की माताओ को भी पानी नही होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है!
पानी की हो स्थाई व्यवस्था
सरकारी अस्पताल में पानी का उत्पन्न संकट का अस्थाई निराकरण करने के लिए टैंकर के माध्यम से पूर्ति करने का प्रयास किया जाता है !लेकिन कुछ ही देर में टैंकर खाली हो जाता है और बाद में स्थिति वैसी की वैसी निर्मित हो जाती है! जब तक जल संकट की समस्या का स्थाई निराकरण नही होगा तब तक परेशानी खत्म होने का नाम नहीं लेगी..
टैंकर के पानी को कुछ ही देर में खाली कर देती है, एनआरसी की महिलाएं
नगर पंचायत द्वारा अस्पताल में पानी का टैंकर तो भेजा जाता है लेकिन एनआरसी में कुपोषित बच्चों की माताओं नहाने- धोने में कुछ ही देर में टैंकर के पानी को खाली कर देती है, और समस्या जस की तस बन जाती है !उनका कहना है कि उने नहाने व कपडे धोने बच्चों को नहलाने धूलाने में भी पानी की आवश्यकता पड़ती है अपने पर्याप्त बर्तन नहीं है कि पानी का संग्रह किया जा सके इसलिए इसलिए टैंकर के पानी का उपयोग कर काम निपटाना पड़ता है!