धूल खा रही एम्बुलेंस,मरीज परेशान,ज़िम्मेदार मौन…

अव्यवस्थाओ से घिरा है बागली का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र…

जगह जगह पसरी गन्दगी…

बागली (सोमेश उपाध्याय)। बागली आदिवासी अंचल का एक मात्र बड़ा शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों विभाग की अनदेखी के चलते खुद बीमार है। इस अस्पताल परिसर में आलम यह है कि यहां पर अच्छा भला व्यक्ति भी बीमार हो जाए। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और विभाग की अनदेखी के कारण भर्ती मरीजों की फजीहत हो रही है। इस अस्पताल पर मरीजों का दबाव इतना अधिक है कि वार्डों में मरीजों के लिए जगह ही नहीं है। क्षेत्र का एक मात्र शासकीय अस्पताल होने के कारण मजबूरीवश परेशानी के बीच लोग उपचार कराने को मजबूर है।

Rai Singh Sendhav

प्रसूताओं की दयनीय हालत
अस्पताल में प्रसूताओं की हालत सबसे ज्यादा खराब हैं। प्रसूताएं फर्श एवं बरामदे में भी लेट कर उपचार करने को मजबूर है।

परिसर में गंदगी का अंबार-
एक ओर जहां देशभर में केंद्र व प्रदेश सरकार स्वच्छता का नारा दे रही है, वहीं अस्पताल परिसर में भारी गंदगी का आलम है। चिकित्सक के बैठने वाले कक्षों को छोड़ दिया जाए तो शेष परिसर में गंदगी पसरी है। भर्ती वार्डों में जो टॉयलेट बने हुए है उसमें से उठती दुर्गंध मरीजों को और परेशान कर रही है।मरीज खुले में शौच करने पर मजबूर है।पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है। अस्पताल परिसर में मदिरा की खाली बोतले तक बिखरी हुई हैं। यह अस्पताल अब बीमारी का घर बनता जा रहा है।

धूल खा रही एम्बुलेंस-
बागली में वर्षो से एम्बुलेंस खराब है।एंबुलेंस के अभाव में मरीजों व परिजन पर आर्थिक भार पड़ रहा है।गंभीर मरीज को इलाज के लिए देवास या इंदौर ले जाना हो तो निजी या फिर 108 एंबुलेंस की मदद लेना पड़ती हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास मौजूदा एंबुलेंस का सालों से रखरखाव नहीं हुआ।

कंडम एम्बुलेंस को बदलने की मांग –
सालो से विकासखण्ड में नॉनस्टॉप चल रहे एम्बुलेंस की बिगड़े हाल को देखकर कंडम वाहन को बदलने की मांग होने लगी है। दरअसल विभाग की ओर से कंडम वाहनों को बदलने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वर्तमान में नए वाहन की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

अधिकारियों के रवैये से लोग परेशान-
स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण जहा अस्पताल की दुर्दशा हुई है,तो वही विभागीय अधिकारियों का भी रैवेया भी चरम पर है।अस्पताल की दुर्दशा को देखते हुए जब बीईओ उइके से चर्चा करनी चाहिए तो उन्होने जवाब देना भी उचित नही समझा।

वर्ज़न-

में फील्ड पर हूँ,वर्जन नही दे सकती।(दूरभाष पर)
विष्णुलता उइके
बीईओ,बागली

संपादक

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