सास-ससुर को बहू माता-पिता और सास-ससुर बहू को बेटी माने तो ही घर स्वर्ग-स्वामी अमृतजी

कन्नौद (कमल गर्ग राही )। आज के समय मे अच्छी शिक्षा व अच्छे संस्कार के अभाव मे घर नर्क बनतै जा रहे है ,कुछ अपवाद को छोड कर प्रायः देखा जाता है कि विवाह होने के कूछ समय बाद ही बहु बेटे माता पिता से अलग रहने लग जाते हैं।

Rai Singh Sendhav

श्री राम कथा के पांचवे दिन स्वामी सन्त श्रीअमरत जी महाराज उक्त उदगार व्यक्त करते हुए श्री राम विवाह के प्रसग पर कहा कि बहु को परिवार मे सास ससुर का सम्मान करना चाहिए वही सास ससुर का भी फर्ज है बहु को आखो की पलको के समान रखना चाहिए, तभी घर स्वर्ग बन सकता है।

, उन्होने कहा सन्तोष ही सबसे बडा धन हे ,इच्छा की कामना का कोई अन्त नही है , एक मनुष्य का अन्त हो जाता है ,लेकिन इच्छा कभी पूरी नही होती , मनुष्य को दूसरो के दोषो को कभी नही देखना चाहिए, देखना है तो अपने मन के दर्पण को देखे,। कथा मे बडी सख्या मे श्रद्धालु लाभ ले रहे हे। आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया।

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