नये नजरिये और नये दृष्टिकोण के साथ परिवर्तन लायें: मुख्यमंत्री कमलनाथ

बोले मुख्यमंत्री- जो चल रहा है, चलने दें.., ऐसा दृष्टिकोण अब नही चलेगा

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से अपने पहले संबोधन में कहा कि यथास्थिति बनाये रखने के दृष्टिकोण को बदलने की जरूरत होगी। जो चल रहा है, चलने दें या ऐसे ही चलता है, जैसा दृष्टिकोण अब नहीं चलेगा। नये नजरिये और नये दृष्टिकोण के साथ व्यवस्था में परिवर्तन लाना होगा। उन्होंने मुख्य सचिव को कांग्रेस पार्टी का वचन पत्र सौंपते हुए कहा कि यह जनता की अपेक्षाओं का दस्तावेज है। इसे हर वर्ग ने तैयार किया है। उन्होंने कहा कि नये संसाधनों को तलाशने और \”आउट ऑफ बाक्स\” सोच अपनाना होगी। फिजूल खर्ची को रोकना होगा। जनता का पैसा अर्थपूर्ण तरीके से खर्च करना होगा क्योंकि हम सब जनता के पैसों के प्रति जवाबदेह हैं। मुख्यमंत्री ने वचन पत्र पर आधारित योजनायें बनाने की अपेक्षा की।

Rai Singh Sendhav

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे स्वयं में परिवर्तन लायें। नये दृष्टिकोण से चीजों को देखें, परखें। उन्होंने कहा कि सुधार और परिवर्तन में फर्क है। अचीवमेंट और फुलफिलमेंट में फर्क है। फुलफिलमेंट ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि अधिकारियों और सरकार का लक्ष्य एक है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ शपथ लेने के बाद मंत्रालय पहुँचे और नये ऐनेक्सी भवन का शुभारंभ किया। उन्होंने सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहली परिचय बैठक में अपना संबोधन दिया। उन्होने देर से आने पर माफी मांगते हुए कहा कि अब से इतंजार नहीं करना पड़ेगा।

व्यवस्था में परिवर्तन है जरूरी

कमलनाथ ने मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बडी अपेक्षाओं के साथ नई सरकार चुनी है। लोगों ने सिस्टम पर भरोसा किया है। उन्होंने कहा कि लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये व्यवस्था में परिवर्तन करना जरूरी है। नये नजरिये,, नये दृष्टिकोण और रचनात्मकता के साथ परिवर्तन लाना होगा। सिस्टम कई सालों से एक जैसा चल रहा है जबकि दुनिया बदल रही है, जो पुरानी व्यवस्थाएं ठीक नहीं है, उन्हें जारी रखना समय के अनुरूप नहीं है।

नई पीढी पर पर ध्यान दें

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि युवाओं के बारे में सोचना होगा। नई पीढ़ी की जरूरतों को समझना होगा क्योंकि वे ही प्रदेश का निर्माण करेंगे। प्रदेश की रक्षा करेंगे। रोजगार और बेरोजगार के बीच की खाई भी चुनौती है। इसके लिये उन्होंने अधिकरियों से अपनी विचार प्रक्रिया में परिवर्तन लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह सोचना होगा कि निवेश कैसे आये। उन्होंने कहा कि सिर्फ नीतियों और मांगने से निवेश नहीं आता। निवेश को आकर्षित करना पड़ेगा।

फिजूल खर्ची रोकें

श्री कमलनाथ ने कहा कि कई बार योजनाएं अच्छी होती हैं लेकिन उनका डिलीवरी सिस्टम खराब होता है, इसलिये वे असफल हो जाती हैं। ग्राम पंचायत से लेकर मंत्रालय तक परिवर्तन लाना होगा। कौन से ऐसे विभाग हैं, जिन्हें सक्षम बनाने की जरूरत है और कौन से विभाग हैं, जिन्हें बंद करना उचित होगा। इस दिशा में भी सोचें। कई निगम मंडल सजावटी बन गये हैं। कहां फिजूल खर्ची हो रही है, यह देखना होगा। यह काम प्रशासनिक टीम की क्षमता और राजनैतिक इच्छाशक्ति से किया जा सकता है।

विभागों को मजबूत बनायें

श्री कमलनाथ ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने विभागों को मजबूत बनायें। केवल मुख्यमंत्री का कार्यालय ही शक्तिशाली नहीं हो। शक्ति का विकेन्द्रीकरण जरूरी है। इसलिये हर विभाग सक्षम और जनता के प्रति जवाबदेह हो। ऐसी व्यवस्था बनायें, जो पूरी तरह से जवाबदेह हो।

हर हाल में करें भ्रष्टाचार पर नियंत्रण

भ्रष्टाचार के मुददे पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यह सोचें कि कैसे भ्रष्टाचार पर रोक लग सकती है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार सिस्टेमैटिक हो गया है। गाँव-गाँव में फैल गया है और सिस्टम का ही अंग बन गया है। इसी के कारण राजनीति में गिरावट आई है। भ्रष्टाचार को हर हाल में नियंत्रित करना होगा। उन्होने इसके लिये सभी अधिकारियों से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सक्षम बनाया जायेगा ताकि वे भ्रष्टाचार को प्रभावी तरीके से रोकें। बाधा डालने और रोकने का सिस्टम ठीक नहीं है। अपने अधीनस्थ स्टाफ को हमेशा प्रेरित करते रहें। सबके सहयोग से ही यह संभव होगा।

कमलनाथ ने कहा कि सभी विभागों का परिचयात्मक प्रस्तुतिकरण शुरू होगा फिर आवश्यकतानुसार विस्तृत समीक्षा होगी। उन्होंने मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह को कांग्रेस पार्टी का वचन पत्र सौंपा। बैठक में सभी विभागों के प्रमुख उपस्थित थे।

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